बाढ़ के बाद ये बीमारी ढा रही है बिहार में कहर

बाढ़ के बाद ये बीमारी ढा रही है बिहार में कहर

सेहतराग टीम

बिहार की राजधानी पटना में भले ही बाढ़ का पानी उतर गया हो मगर अब पटना वासियों के सामने दूसरी आपता खड़ी हो गई है। पटना के अस्‍पतालों में डेंगू के मरीजों की भीड़ उमड़ने लगी है। राज्‍य सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्‍य में इस वर्ष अब तक डेंगू के 6,247 मरीज सामने आए हैं। यही नहीं चिकनगुनिया के 452 मरीज भी सामने आए हैं।

बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में सात नवंबर तक कुल 6,247 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए। अकेले पटना जिले में डेंगू के कुल 3,875 मरीज चिन्हित किए गए हैं। बिहार में इस अवधि तक चिकनगुनिया के कुल 452 मरीज पाए गए हैं। इनमें 383 पटना जिले के हैं। पटना जिला के तहत 22 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से चार अक्टूबर से सात नवंबर तक लगभग 27,680 मरीजों का उपचार किया जा चुका है।

गत 12 अक्टूबर से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड किट के माध्यम से डेंगू के जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। सात नवंबर को 33 मरीजों की डेंगू की जांच की गई है। पटना शहर में जिन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं, वहां नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर प्रभावित घरों के आसपास फॉगिंग कराई जा रही है।

डेंगू के मरीज क्‍या सावधानी रखें

इंडियन मेडिकल एसोस‍िएशन के पूर्व अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के के अग्रवाल के अनुसार डेंगू में मरीजों को खूब पानी पीना चाहिए। ये बीमारी को नियंत्रण में रखने के साथ साथ प्‍लेटलेट्स को सामान्‍य स्‍तर तक लाने में अहम भूमिका निभाता है।

इस बीमारी में तेज बुखार के साथ सिरदर्द, बदन पर चकत्‍ते (रैशेज) और खून में प्‍लेटलेट्स की कमी सबसे प्रमुख लक्षण होते हैं। आम तौर पर प्‍लेटलेट्स गिरने से मरीज घबराने लगते हैं और अस्‍पताल में भर्ती होने और प्‍लेटलेट्स चढ़वाने का प्रयास करते हैं जबकि प्‍लेटलेट्स जबतक 20 हजार से नीचे न आ जाए तबतक प्‍लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती। डॉक्‍टर अग्रवाल के अनुसार तेज बुखार में यूं भी प्‍लेटलेट्स का नीचे आना सामान्‍य बात होती है और इसका सबसे बेहतर उपाय लगातार पानी पीना है। डेंगू के मरीजों को सामान्‍य लोगों के मुकाबले ज्‍यादा पानी पीना चाहिए, इससे प्‍लेटलेट्स की संख्‍या ज्‍यादा नहीं गिरती और जल्‍दी ही प्‍लेटलेट्स की संख्‍या सामान्‍य हो जाती है।

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